दमोह में हनुमानजी बने न्यायाधीश, दो भाईयों का पारिवारिक विवाद सुलझा

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दमोह। 
दमोह तहसील के भूरी गांव में दो सगे भाईयों के बीच चल रहा पारिवारिक विवाद एक अनोखे तरीके से सुलझ गया है। जबलपुर नाका पुलिस चौकी में यह विवाद पहुंचने के बाद, जब पुलिस के प्रयासों से भी समाधान नहीं निकल सका, तो चौकी प्रभारी ने नजदीकी हनुमान मंदिर में इस मामले को सुलझाने का निर्णय लिया। मंदिर में हुई बातचीत के बाद दोनों भाईयों ने आपसी सहमति बना ली और गले लग गए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, भूरी निवासी गणेश साहू की कोई संतान नहीं थी। उन्होंने तीन वर्ष पूर्व अपने छोटे भाई रामप्रसाद के बड़े बेटे खुमान को गोद लिया था। खुमान कई वर्षों से अपने बड़े पिता के साथ भुसावल में रहकर मजदूरी करता था। गत वर्ष खुमान की शादी होने के बाद, उसकी पत्नी की गणेश साहू से किसी बात को लेकर अनबन हो गई। इसके पश्चात खुमान ने गणेश का साथ छोड़ दिया और गणेश साहू द्वारा दिए गए सोने-चांदी के जेवरात तथा एक बाइक भी अपने साथ ले गया। यह विवाद पुलिस चौकी तक पहुंचा, लेकिन वहां इसका समाधान नहीं हो सका।

जबलपुर नाका चौकी प्रभारी आनंद कुमार अहिरवार ने दोनों पक्षों को बुलाया। उन्होंने चौकी परिसर में स्थित हनुमानजी को न्यायाधीश मानकर दोनों पक्षों से समझौता करने का प्रस्ताव रखा। इस पहल के बाद दोनों भाईयों के बीच सुलह हो गई, और वे गले लग गए। यह घटना दमोह में चर्चा का विषय बनी हुई है।

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