Ahmedabad plane crash: गुजरात के अहमदाबाद में इस सप्ताह एक अभूतपूर्व और भयानक विमान हादसा हो गया, जिसने पूरे देश को सकते में डाल दिया है। एयर इंडिया का एक विमान, बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (उड़ान AI-171), जो अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के ठीक बाद था, अचानक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हृदयविदारक घटना में विमान में सवार सभी 242 लोगों की दुखद मौत हो गई है।
हादसे के बाद तुरंत बचाव और राहत कार्य शुरू किया गया, लेकिन विमान के परखच्चे उड़ जाने के कारण किसी के भी बचने की कोई गुंजाइश नहीं थी। प्रारंभिक जांच में दुर्घटना के संभावित कारणों के रूप में इंजन में गंभीर तकनीकी खराबी और उड़ान के दौरान किसी बाहरी वस्तु से विमान की संभावित टक्कर सामने आ रही है। हालांकि, मामले की गहन जांच जारी है और संबंधित एजेंसियां दुर्घटना के पीछे के सटीक कारणों का पता लगाने में जुटी हुई हैं। इस भयावह घटना की जानकारी मिलते ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तुरंत गुजरात के मुख्यमंत्री और राज्य के पुलिस आयुक्त से बात कर स्थिति का जायजा लिया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
भारत के विमान हादसों का इतिहास और वर्तमान सुरक्षा मानक
भारत में विमानन क्षेत्र ने पिछले कुछ दशकों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है, लेकिन इस यात्रा में कई दुखद विमान दुर्घटनाएं भी शामिल हैं जिन्होंने देश को झकझोर दिया है। इन हादसों ने अक्सर सुरक्षा प्रोटोकॉल और नियामक उपायों की समीक्षा को प्रेरित किया है।
कुछ प्रमुख विमान हादसे और उनके कारण:
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1972 - दिल्ली (जापान एयरलाइंस): 14 जून 1972 को, जापान एयरलाइंस का एक विमान दिल्ली के पालम हवाई अड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में 82 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें अधिकांश यात्री थे। यह दुर्घटना मानवीय त्रुटि और खराब दृश्यता से जुड़ी थी।
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1973 - दिल्ली (इंडियन एयरलाइंस): 31 मई 1973 को, इंडियन एयरलाइंस का एक विमान दिल्ली हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें 48 लोगों की जान चली गई थी। यह भी मानवीय त्रुटि और खराब मौसम की स्थितियों से जुड़ा मामला था।
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1976 - मुंबई (एयर इंडिया): 1976 में, एयर इंडिया का एक बोइंग 747 मुंबई के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में 95 लोगों की मौत हुई थी। यह दुर्घटना विमान में तकनीकी खराबी के कारण हुई थी।
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1978 - मुंबई (एयर इंडिया, एम्परर अशोक): 1 जनवरी 1978 को, एयर इंडिया का बोइंग 747 "एम्परर अशोक" मुंबई से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद समुद्र में गिर गया। विमान में सवार सभी 213 लोग मारे गए थे। जांच में मानवीय त्रुटि और विमान के उपकरणों की खराबी को मुख्य कारण बताया गया।
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1988 - अहमदाबाद (इंडियन एयरलाइंस): 19 अक्टूबर 1988 को, इंडियन एयरलाइंस का एक विमान अहमदाबाद हवाई अड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 130 लोगों की मौत हो गई। खराब मौसम और पायलट की त्रुटि को इसका कारण माना गया।
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1996 - चरखी दादरी, हरियाणा (हवा में टक्कर): 12 नवंबर 1996 को, कजाकिस्तान एयरलाइंस और सऊदी अरब एयरलाइंस के दो विमान हरियाणा के चरखी दादरी के ऊपर हवा में टकरा गए। यह भारतीय विमानन इतिहास का सबसे घातक मध्य-हवाई टक्कर थी, जिसमें दोनों विमानों में सवार सभी 349 लोग मारे गए थे। यह हादसा मुख्य रूप से मानवीय त्रुटि और खराब वायु यातायात नियंत्रण समन्वय के कारण हुआ था।
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2000 - पटना (एलायंस एयर): 17 जुलाई 2000 को, एलायंस एयर का एक विमान पटना हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 60 लोग मारे गए। इंजन में खराबी और पायलट द्वारा गलत प्रतिक्रिया को कारण माना गया।
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2010 - मैंगलोर (एयर इंडिया एक्सप्रेस): 22 मई 2010 को, एयर इंडिया एक्सप्रेस का बोइंग 737 मैंगलोर हवाई अड्डे पर लैंडिंग के दौरान रनवे से फिसलकर एक घाटी में गिर गया और उसमें आग लग गई। इस हादसे में 158 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 8 लोग चमत्कारी रूप से बच गए थे। यह हादसा पायलट की त्रुटि और "अनस्टेबलाइज्ड अप्रोच" के कारण हुआ था।
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2020 - कोझिकोड (एयर इंडिया एक्सप्रेस): 7 अगस्त 2020 को, एयर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान कोझिकोड हवाई अड्डे पर लैंडिंग के दौरान रनवे से फिसल गया और घाटी में गिर गया। भारी बारिश और "टेबलटॉप" रनवे की प्रकृति के कारण यह हादसा और गंभीर हो गया। इसमें 21 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें दोनों पायलट भी शामिल थे।
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2023 - ग्वालियर (सैन्य विमान): [पिछले संदर्भ में 2023 के ग्वालियर हादसे का जिक्र है, जो संभवतः एक सैन्य विमान हादसा रहा होगा। यदि यह नागरिक विमान था, तो अधिक विशिष्ट विवरण की आवश्यकता होगी।] सैन्य विमानों से संबंधित दुर्घटनाएं अक्सर प्रशिक्षण त्रुटियों या यांत्रिक विफलताओं के कारण होती हैं।
इन पिछली दुर्घटनाओं के विश्लेषण से पता चलता है कि इनके पीछे अक्सर तकनीकी खराबी, पायलट की मानवीय त्रुटि, अप्रत्याशित खराब मौसम की स्थिति और हवाई अड्डे के रनवे से जुड़ी समस्याएं मुख्य कारण रहे हैं। प्रत्येक हादसे के बाद, भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और अन्य विमानन नियामक निकायों ने सुरक्षा प्रोटोकॉल और तकनीकी उन्नयन में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं।हालांकि, इन दुखद घटनाओं के बावजूद, आंकड़ों के अनुसार हवाई यात्रा को अभी भी सड़क या रेल यात्रा की तुलना में सांख्यिकीय रूप से काफी अधिक सुरक्षित माना जाता है। वैश्विक स्तर पर भी विमानन उद्योग सुरक्षा मानकों को लेकर अत्यधिक सख्त है। फिर भी, अहमदाबाद की इस दुखद घटना ने एक बार फिर विमानन सुरक्षा के उच्चतम स्तरों को बनाए रखने और नई तकनीकों, कठोर प्रशिक्षण तथा कड़े सुरक्षा नियमों में निरंतर निवेश की आवश्यकता को रेखांकित किया है ताकि भविष्य में ऐसी भयावह त्रासदियों को रोका जा सके और यात्रियों का विश्वास बना रहे।