वहीं खराब परफॉर्मेंस वाले पुलिस अधीक्षकों पर भी मुख्यमंत्री का गुस्सा फूटा। गुंडों और अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करने पर फटकार भी लगाई। रासुका में पीछे रहने पर दमोह एसपी को मुख्यमंत्री ने कांफ्रेंस में ही फटकारा। क्योंकि, अपराधियों को गिरफ्तार करने में देरी होने की शिकायत मिली थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सिस्टम सुधारें, ऐसे काम नहीं चलेगा। दमोह की रैंकिंग प्रदेश में सबसे पीछे 52 वें नंबर पर है। नीमच एसपी से भी कहा गया कि तस्करों के विरुद्ध कार्रवाई धीमी क्यों है, आप क्या कर रहे है जिले में, सिस्टम स्लो क्यों है। लेकिन, अच्छा काम करने वाले अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने सराहा भी। अनूपपुर एसपी की प्रशंसा करते हुए कहा गया कि सूदखोरों के खिलाफ अच्छी कार्रवाई की गई। जिले में सूदखोरों की कमर तोड़ी गई, जो एक सराहनीय काम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े मामलों की मॉनिटरिंग कलेक्टर खुद करे। ‘सुराज’ का मतलब है कार्य गुणवत्तापूर्ण हों। जहाँ तक करप्शन की बात है, हमारी नीति जीरो टॉलरेंस की है। भ्रष्टाचार करने वालों को हम किसी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे।