दमोह समेत MP के 37 जिलों में लगेगा ऑक्सीजन प्लांट, नई तकनीक से बनेगी गैस

damoh oxygen plant

दमोह। कोरोना की दूसरी लहर से पूरे प्रदेश समेत दमोह में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है। कहीं बेड नहीं हैं तो कहीं ऑक्सीजन। कहीं दवा नहीं है तो कहीं सरकारी सिस्टम कमजोर है। वहीं इन सबके बीच सुकून देने वाली खबर आई है। प्रदेश के दमोह सहित 37 जिलों में पीएसए आधारित ऑक्सीजन उत्पादन संयत्र की स्थापना की जायेगी।

मध्यप्रदेश के 37 जिलों में जिसमें दमोह भी शामिल है ऐसे जिलों की वर्तमान में कोविड संक्रमण की बढ़ती तेजगति को देखते हुए संक्रमण की स्थिति को कंट्रोल करने के लिए मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति को निगम के द्वारा पी.एस. ए. आधारित विभिन्न क्षमता वाले आक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए आदेश जारी किये गए है। मशीनों की स्थापना हेतु आवश्यक सिविल एवं इलेक्ट्रीकल कार्य के सम्पादन का कार्यभार जिला चिकित्सालयों को सौंपा गया है। 

इसके अलावा, राज्य सरकार ने राज्य के 13 जिलों के जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए वायु पृथक्करण इकाई (Air Separation unit) की स्थापना के आदेश जारी किए हैं।  इन जिलों में कटनी, बैतूल, बड़वानी, नरसिंहपुर, खरगोन, बालाघाट, भोपाल (काटजू अस्पताल), रायसेन, सतना, गुना, सागर, सीहोर और विदिशा शामिल हैं। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा 24 अन्य जिलों देवास, धार, मंडला, होशंगाबाद, पन्ना, दमोह, छतरपुर, सीधी, भिंड, उमरिया, नीमच, झाबुआ, सिंगरौली, टीकमगढ़ के जिला अस्पतालों में वायु पृथक्करण इकाइयाँ स्थापित करने के लिए भी स्वीकृति दी गई है। इनमे अशोकनगर, बुरहानपुर, अनूपपुर, आगर-मालवा, श्योपुर, शाजापुर, डिंडोरी, अलीराजपुर, निवारी (सीएचसी) और हरदा भी शामिल हैं।

इन सभी 37 जिलों में, ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। पीडब्ल्यूडी विभाग की परियोजना कार्यान्वयन इकाई (पीआईयू) को सभी 37 जिलों में स्थानों का चयन करने और भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक से तीन महीने के भीतर इकाइयों को स्थापित करने के लिए कहा गया है।

सेन्ट्रल मेडिकल सर्विसेस सोसायटी, नई दिल्ली द्वारा स्वीकृत निविदा दरों के आधार पर निगम द्वारा संदर्भित जारी क्रय आदेश की शर्तों अनुसार आपूर्तिकर्तां को विभिन्न स्थानों पर स्थापित किये जाने वाले संयन्त्रों में स्थल से 15 मीटर की दूरी तक ऑक्सीजन पाईपलाईन का कार्य शामिल है। उक्त गैस पाईपलाईन को चिकित्सालयों की विद्यमान गैस पाईपलाईन से जोड़ना आवश्यक है। यदि स्थल पर विद्यमान पाईपलाईन की दूरी 15 मीटर से अधिक है, उक्त दशा में अतिरिक्त लाईन को बिछाने का उत्तरदायित्व संबंधित जिला चिकित्सालयों को सौंपा गया है। 

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