कोरोना के हर वैरिएंट्स को खत्‍म कर रही 'कोवैक्सिन' ICMR का बड़ा दावा

covaxin effective against many covid variants

नई दिल्ली। देश में निर्मित Bharat Biotec का Covid-19 का टीका कोवेक्सिन (Covaxin) सार्स-सीओवी-2 (SARS-CoV-2) के कई प्रकारों को निष्प्रभावी करता है और दो बार अपना उत्परिवर्तन कर चुके वायरस के प्रकार के खिलाफ भी प्रभावी है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने बुधवार को यह जानकारी दी।


Indian Council of Medical Research (ICMR) के अनुसार भारत बायोटेक (Bharat Biotec) की कोवैक्‍सीन के परिणाम को देखने के बाद हम कह सकते हैं कि यह वैक्‍सीन ब्रिटेन (B.1.617) और ब्राजील (P.1) में पाए गए कोरोना वायरस (Coronavirus) से भी बचाव करती है. इसी तरह का प्रयोग देश के डबल म्‍यूटेंट वायरस (Double mutation variant के साथ भी किया जा चुका है. खास बात ये है कि सभी के नतीजे सकारात्मक रहे. कोवैक्सीन के तीसरे फेज और अंतरिम ट्रायल में हल्के से गंभीर कोविड-19 संक्रमण को रोकने में 78 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है.


Covaxin के बारे में ऐसा भी दावा किया गया है कि इसे लगवाने के बाद मरीज को अस्‍पताल में भर्ती होने की जरूरत 100 प्रतिशत तक कम हो जाती है. कोवैक्सिन के तीसरे चरण में 25,800 वॉलेंटियर्स को शामिल किया गया, जिनकी उम्र 18 से 98 साल थी. कोरोना वैक्‍सीन (Corona Vaccine) की दूसरी डोज 14 दिन के बाद दी गई, जिसके परिणाम काफी राहत देने वाले दिखाई दिए.


भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को भारत में तथा कई अन्य देशों में कोविड-19 के इलाज के लिए आपातकालीन (Emergency Use) प्रयोग के लिए अधिकृत किया गया था।


आईसीएमआर ने ट्वीट किया, “आईसीएमआर का अध्ययन दिखाता है कि कोवैक्सीन सार्स-सीओवी-2 के विभिन्न प्रकारों को निष्प्रभावी करता है और दो बार परिवर्तित किस्मों के खिलाफ भी प्रभावी रूप से काम करता है।



आईसीएमआर की राष्ट्रीय जीवाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) ने सार्स-सीओवी-2 वायरस के विभिन्न प्रकारों: बी.1.1.7 (ब्रिटेन में मिला प्रकार), बी.1.1.28 (ब्राजील का प्रकार) और बी.1.351 (दक्षिण अफ्रीका का प्रकार) को सफलतापूर्वक अलग किया और संवर्धित किया। स्वास्थ्य अनुसंधान के शीर्ष निकाय ने कहा कि आईसीएमआर-एनआईवी ने ब्रिटेन के प्रकार और ब्राजील के प्रकार को बेअसर करने की कोवैक्सीन के सामर्थ्य को प्रदर्शित किया।


आईसीएमआर (ICMR) ने कहा कि संस्थान दो बार उत्परिवर्तन कर चुके बी.1.617 सार्स-सीओवी-2 प्रकार को भी संवर्धित करने में कामयाब रहा है। वायरस का यह प्रकार भारत के कुछ क्षेत्रों और कई अन्य देशों में पाया गया है। कोवैक्सीन वायरस के इस प्रकार को भी निष्प्रभावी करने में सफल रही है।

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